एजेंसी प्रमुख, डॉक्टर टैड्रॉस ऐडहेनॉम घेबरेयेसस ने बुधवार को पत्रकारों से कहा, "इस समय, हम मंकीपॉक्स के ख़िलाफ़ बड़े पैमाने पर सभी के टीकाकरण की सिफ़ारिश नहीं करते."
डबल्यूएचओ प्रमुख ने बताया कि MVA-BN नामक एक चेचक के टीके को कैनेडा, योरोपीय संघ और अमेरिका में, मंकीपॉक्स के ख़िलाफ़ उपयोग के लिये मंज़ूरी मिली है, जबकि दो अन्य टीके, LC16 और ACAM2000, पर विचार किया जा रहा है.
अधिक डेटा
उन्होंने कहा, "हालाँकि, हमारे पास अभी मंकीपॉक्स के लिये टीकों की प्रभावशीलता पर या कितनी ख़ुराक की आवश्यकता हो सकती है, इसे लेकर आँकड़े उपलब्ध नहीं हैं. इसलिये हम टीकों का इस्तेमाल कर रहे सभी देशों से, उन टीकों की प्रभावशीलता पर महत्वपूर्ण डेटा एकत्र करने और साझा करने का आग्रह करते हैं.”
विशेषज्ञ ने कहा कि डब्ल्यूएचओ एक शोध ढाँचा विकसित कर रहा है जिसका उपयोग सभी देश, बेहतर ढंग से यह समझकर आवश्यक डेटा उत्पन्न करने के लिये कर सकते हैं कि ये टीके संक्रमण और बीमारी, दोनों को रोकने में कितने कारगर हैं, और उनका सबसे प्रभावी ढंग से उपयोग कैसे किया जाए.
डबल्यूएचओ प्रमुख ने बताया कि टीकाकरण से संक्रमण या बीमारी से तुरन्त सुरक्षा नहीं मिलती, और इसमें कई सप्ताह लग सकते हैं.
उन्होंने कहा, "इसका मतलब है कि टीका लगने के बाद भी लोगों को ख़ुद को सुरक्षित रखने के उपाय जारी रखने चाहियें, जिसमें मंकीपॉक्स के जोखिम वाले लोगों के साथ यौन सम्बन्ध सहित अन्य निकट सम्पर्क से बचना शामिल है."
सीमित मात्रा में उपलब्ध
संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी के महानिदेशक ने बताया कि वर्तमान में टीकों की उपलब्धता को लेकर कई चुनौतियाँ हैं.
जबकि विश्व स्तर पर चेचक के टीके MVA-BN की लगभग 1 करोड़ 60 लाख ख़ुराकें उपलब्ध हैं, अधिकाँश थोक रूप में हैं, मतलब यह कि उन्हें उपयोग में लाने के लिये शीशियों में "भरकर इस्तेमाल करने योग्य" बनाने में कई महीने लगेंगे.
मंकीपॉक्स के मामलों वाले कई देशों ने टीके की आपूर्ति आरक्षित कर ली है, जबकि कुछ अन्य देशों की आपूर्ति आवश्यकताओं को समझने के लिये, डब्ल्यूएचओ उनके सम्पर्क में हैं.
डॉक्टर टैड्रॉस ऐडहेनॉम घेबरेयेसस ने ज़ोर देकर कहा, “डब्ल्यूएचओ, चेचक के टीके उपयोग करने वाले देशों से उन देशों की मदद करने का आग्रह करता है, जो इनका इस्तेमाल नहीं करते हैं. हमें मंकीपॉक्स से प्रभावित सभी व्यक्तियों और समुदायों के लिये, सभी देशों में, सभी क्षेत्रों में टीकों की समान पहुँच सुनिश्चित करनी होगी." उन्होंने कहा कि हालाँकि टीके रोकथाम के लिये महत्वपूर्ण औजार हैं, लेकिन निगरानी, निदान और जोखिम कम करना, प्रकोप के प्रसार की रोकथाम में केन्द्रीय रहेगा.
जोखिम कम करें
वर्तमान में सामने आए मामलों में से, 70 प्रतिशत से अधिक योरोपीय संघ में और 25 प्रतिशत अमेरिका में हैं. अब तक, पाँच मौतों की सूचना मिली है और सभी रोगियों में से लगभग 10 प्रतिशत को दर्द के निदान के लिये अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा है.
विशेषज्ञ ने रेखांकित किया कि यदि देश, समुदाय और व्यक्ति जागरूक रहें, जोखिम को गम्भीरता से लें व संचरण को रोकने एवं कमज़ोर समूहों की रक्षा के लिये आवश्यक क़दम उठाएँ तो प्रकोप की रोकथाम सम्भव है.
उन्होंने कहा कि ऐसा करने का सबसे अच्छा तरीक़ा, सम्पर्क का जोखिम घटाना और सुरक्षित विकल्प अपनाना है.
उन्होंने समझाया, "इस समय, पुरुषों के साथ यौन सम्बन्ध रखने वाले पुरुषों के लिये, अपने यौन साझेदारों की संख्या को कम करना, नए पार्टनरों के साथ यौन सम्बन्ध बनाने पर पुनर्विचार करना और ज़रूरत पड़ने पर फॉलो-अप करने के लिये नए साथी का सम्पर्क विवरण रखना आवश्यक है."
डॉक्टर टैड्रॉस ने कहा कि सभी देशों का ध्यान, पुरुषों के साथ यौन सम्बन्ध रखने वाले पुरुषों के समुदायों को शामिल करने और सशक्त बनाने पर होना चाहिये, ताकि संक्रमण होने और फैलने के जोखिम को कम किया जा सके, संक्रमित लोगों की देखभाल एवं मानवाधिकारों व गरिमा की रक्षा की जा सके.
दुष्प्रचार से निपटने में मदद करने के लिये, उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और तकनीकी कम्पनियों से ज़ोर देकर कहा, "कलंक और भेदभाव भी वायरस की ही तरह ख़तरनाक है, और प्रकोप फैलने का कारण बन सकता है."
कोई भी संक्रमित हो सकता है
हालाँकि अब तक 98% मामले पुरुषों के साथ यौन सम्बन्ध रखने वाले पुरुषों में मिले हैं, लेकिन सम्पर्क में आए किसी भी व्यक्ति को मंकीपॉक्स हो सकता है. ख़ासतौर पर, बच्चों, गर्भवती महिलाओं और कम प्रतिरोधक क्षमता वाले व्यक्तियों को विशेष रूप से गम्भीर बीमारी का ख़तरा होता है.
मंकीपॉक्स पर डब्ल्यूएचओ की तकनीकी प्रमुख, रोसामण्ड लुईस ने पत्रकारों को बताया, "बच्चों को व्यापक दाने हो सकते हैं और पानी की कमी हो सकती है. यदि उनकी गर्दन पर गाँठ हो जाती है, तो खाना निगलने में मुश्किल और मुँह के अन्दर तेज़ दर्द हो सकता है."
यौन सम्पर्क के ज़रिये संचरण के अलावा, मंकीपॉक्स, लोगों के बीच नज़दीकी सम्पर्क, जैसे गले लगाने व चुम्बन करने, या दूषित तौलिये या बिस्तरों से घरों में फैल सकता है.
डब्ल्यूएचओ के सलाहकार, एण्डी सीएल ने स्पष्ट किया कि अभी इस बीमारी को यौन संचारित संक्रमण (STI) की श्रेणी में वर्गीकृत नहीं किया जा सकता, क्योंकि वैज्ञानिकों ने संचरण में द्रव विनिमय की भूमिका की पुष्टि नहीं की है.
उन्होंने समझाया, "यह, कुछ हद तक दाद की तरह, निकट त्वचा के सम्पर्क से फैलता है, , इसलिये हम यह नहीं कह सकते कि कॉण्डोम पहनने से इसे रोका जा सकता है."
Comment List