The World Economic Outlook Update July 2022: Gloomy and More Uncertain नामक रिपोर्ट में, दुनिया की तीन आर्थिक ताक़तों – संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन और प्रमुख योरोपीय देशों में ठहराव आने के महत्वपूर्ण नतीजों को रेखांकित किया गया है.
आईएमएफ़ के आर्थिक सलाहकार और शोध निदेशक पियर ओलिवियर गौरिन्शास का कहना है, “परिदृश्य अप्रैल 2022 के बाद से काफ़ी स्याह हुआ है. दुनिया जल्द ही, एक वैश्विक मन्दी के किनारे पर नज़र आ रही होगा, पिछली मन्दी के केवल दो वर्ष बाद ही.”
वैश्विक प्रगति के लिये आधार रेखा अनुनान है कि ये वर्ष 2021 के 6.1 प्रतिशत से कम होकर, वर्ष 2022 में 3.2 प्रतिशत पर रहेगी.
तीन प्रमुख अर्थव्यवस्थाएँ
विशेष रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका और योरोपीय देशों में अपेक्षा से कहीं ज़्यादा महंगाई बढ़ने के कारण, वैश्विक वित्तीय परिस्थितियाँ बहुत संकुचित हो रही हैं.
परिदृश्य के अनुसार, अमेरिका में, परिवारों की कम होती क्रय शक्ति और सिकुड़ती मुद्रा नीति के कारण, इस वर्ष वृद्धि में कमी हो कर 2.3 प्रतिशत रहेगी और अगले वर्ष यानि 2023 में एक प्रतिशत.
चीन की आर्थिक वृद्धि कोविड-19 महामारी और उसका मुक़ाबला करने के लिये लागू किये गए प्रतिबन्धों के दौरान अनुमान से कहीं ज़्यादा ख़राब रही है, साथ ही यूक्रेन पर रूसी हमले के नकारात्मक प्रभाव भी जारी हैं.
योरोपीय क्षेत्र में इस साल आर्थिक वृद्धि 2.6 प्रतिशत रही है और वर्ष 2023 में इसके 1.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जिस पर यूक्रेन युद्ध और सिकुड़ती मुद्रा नीति के प्रभाव स्पष्ट नज़र आ रहे हैं.
पियर ओलिवियर गौरिन्शास ने कहा कि इन सबके परिणामस्वरूप इस वर्ष की दूसरी तिमाही में, वैश्विक उत्पाद में संकुचन आया है.
मुद्रास्फीति
वैश्विक मन्दी के बावजूद, मुद्रास्फीति में संशोधन हुआ है, और इसमें कुछ हाथ, खाद्य उत्पादों और ईंधन पदार्थों की बढ़ती क़ीमतों का भी है.
रिपोर्ट में भविष्य में कुछ जोखिमों का ख़ाका भी पेश किया गया है जिनमें यूक्रेन में युद्ध के कारण, योरोपीय क्षेत्र को रूस की गैस आपूर्ति पूरी तरह बन्द हो सकती है.
बढ़ते मूल्यों के कारण बड़े पैमाने पर खाद्य असुरक्षा और सामाजिक अशान्ति बढ़ सकती है; और भूराजनैतिक विध्वंस, वैश्विक व्यापार और सहयोग को बाधित कर सकता है.
साथ ही, कोविड-19 महामारी के नए संक्रमण फैलाव और तालाबन्दियों के कारण, चीन की वृद्धि पर और ज़्यादा दबाव पड़ने का जोखिम है.
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