ये हमले यूक्रेन के बन्दरगाहों से काला सागर के ज़रिये अनाज निर्यात की अनुमति देने वाला एक समझौता शुक्रवार को होने के 24 घण्टों के भीतर हुए हैं.
यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश के प्रवक्ता द्वारा प्रकाशित एक वक्तव्य में कहा गया है कि तमाम पक्षों ने शुक्रवार को, यूक्रेनी अनाज और सम्बन्धित उत्पादों की, वैश्विक बाज़ारों तक सुरक्षित पहुँच सुनिश्चित करने के लिये, वैश्विक स्तर पर स्पष्ट प्रतिबद्धताएँ व्यक्त की थीं.”
“वैश्विक खाद्य संकटों से निपटने और दुनिया भर में करोड़ों ज़रूरतमन्द लोगों की तकलीफ़ें कम करने के लिये, इन उत्पादों की अति आवश्यकता है.”
वक्तव्य में कहा गया है, “रूसी महासंघ, यूक्रेन और तुर्की द्वारा इस समझौते का पूर्ण क्रियान्वयन बहुत ज़रूरी है.”
ग़ौरतलब है कि तुर्की के इस्तान्बूल शहर में शुक्रवार को रूसी और यूक्रेनी मंत्रियों ने काला सागर अनाज निर्यात समझौते पर हस्ताक्षर किये थे जिसके अन्तर्गत युद्ध जारी रहने के बीच भी, काला सागर से यूक्रेन के अनाज निर्यात को छूट दी जाएगी.
इस समझौते का मक़सद लाखों टन अनाज के निर्यात को आसान व सुरक्षित बनाना है.
यूक्रेन पर 24 फ़रवरी 2022 को रूसी आक्रमण शुरू होने के बाद से, दुनिया भर में खाद्य उत्पादों और ईंधन पदार्थों की क़ीमतों में भारी उछाल आया है. साथ ही आपूर्ति श्रृंखलाएँ प्रभावित हुई हैं और करोड़ों टन अनाज विभिन्न स्तरों पर भण्डार गृहों में अटका पड़ा है.
मीडिया ख़बरों के अनुसार, शनिवार सुबह, ओडेसा में कम से कम छह विस्फोट होने की आवाज़ें सुनी गईं, और अभी ये स्पष्ट नहीं हो सका है कि उन मिसाइल हमलों का निशाना क्या था और क्या किसी अनाज भण्डारण सम्बन्धी ढाँचे को भी निशाना बनाया गया!
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